खरगोन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढती गर्मीं को देखते हुए इससे बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. मोहनसिंह सिसोदिया ने बताया कि भीषण गर्मीं में लू लगने की संभावना अधिक रहती हैं। लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाना होता हैं। गर्म लाल व सुखी त्वचा, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फेरेनहाईट, उल्टी आना, बहुत तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐठन, सांस फूलना या दिल की धडकन तेज होना, घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द जैसे लक्षण लू के हैं।
लू से बचाव के लिए पानी अधिक मात्रा में पीये, तरल पेय पदार्थ जैंसे छाछ, लस्सी, मठ्ठा, फलों का जूस का सेवन अधिक करे। बच्चें, बुजूर्ग एवं बीमार व्यक्ति घर से बाहर कम निकलें। विशेषतः दोपहर में 12 से 4 बजे तक घर से बाहर ना जाएं। धूप में निकलने से पहले सर एवं कानों को अच्छी तरह से ढक ले। गर्मी के दौरान नरम मुलायम सूती हल्के ढीले ढाले सूती कपडे पहने। लू प्रभावित व्यक्ति को अधिक पानी का सेवन व पेय पदार्थ जैसे आम का पना एवं जलजीरा आदि पीलाएं तथा किसी छायादार व ठंडी जगह पर लेटाएं। लू प्रभावित व्यक्ति को ओ.आर.एस. का घोल पीलाये एवं ठंडे पानी की पट्टी रखे, डॉक्टर को दिखाये या 108 एम्बूलेंस को कॉल करे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहनसिंह सिसोदिया ने सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं को लू के प्रबधन एवं बचाव के निर्देश जारी किये हैं। जिसमें ओपीडी में बैठने की उचित व्यवस्था के साथ ठंडे पेयजल की व्यवस्था करना। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी देना, लू के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रमुख हैं।