बड़वाह – *अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्कार आंदोलन के अंतर्गत *गायत्री शक्तिपीठ बड़वाह* पर एक दिवसीय ग्रीष्मकालीन संस्कार शिविर का आयोजन रखा गया ।जिसमें बच्चों को विभिन्न कलाओं के माध्यम से शिक्षित किया गया। गीत – संगीत ,कथा कहानी, खेलकूद ,मनोरंजन और परम पूज्य गुरुदेव के स्वर्णिम सूत्रों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया। बच्चों के शारीरिक, मानसिक ,बौद्धिक व आध्यात्मिक विकास हेतु गायत्री महामंत्र को जीवन में अपनाने के लिए अनिवार्य बताया । संस्कारशाला की रानी केवट ने बताया कि गायत्री महामंत्र कामधेनु ,पारस और कल्पवृक्ष के समान है। विद्यार्थियों को गायत्री महामंत्र के माध्यम से जीवन विकास और सफलता का मार्ग मिलता है। जीवन में स्वास्थ्य का बड़ा महत्व है अतः स्वास्थ्य के विभिन्न सूत्र सुरेंद्र भारतीय द्वारा बताए गए। योग – व्यायाम, प्राणायाम करते हुए विभिन्न आसनों का महत्व स्वास्थ्य के लिए बताया गया। शिवानी केवट ने विभिन्न रोचक कहानियो और नाटकों के माध्यम से बच्चों के विकास की बात सरल तरीके से बताई गई। अंत में सभी शिविरार्थी बच्चों ने संकल्प लेकर के नियमित दिनचर्या गायत्री मंत्र का जप , लेखन ,माता-पिता का सम्मान आदि संकल्प लिए।