मुख्यमंत्री सीखो- सिखाओ योजना से युवाओं को मिलेगा रोजगार

7 जून से शुरु होगा पंजीयन, हर माह मिलेंगे 8 से 10 हजार रुपए

खरगोन 29 मई 23/ मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा युवाओं के लिए शुरु की गई सीखो.कमाओ योजना के प्रचार- प्रसार एवं युवाओं को इससे जोडऩे के उद्देश्य से सोमवार को प्रदेश के प्रमुख सचिव ने विडियो कॉन्फ्रेसिंग ली। इसमें प्रदेश के संभाग कमिश्नर एवं कलेक्टर शामिल हुए। बैठक के बाद कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो.कमाओ योजना युवाओं के लिए महती योजना है। मध्य प्रदेश के 18 से 29 वर्ष के स्थानीय निवासी 5वीं से 12वीं उत्तीर्ण युवा को आठ हजार रुपये, आइटीआइ उत्तीर्ण को आठ हजार 500 रुपये, डिप्लोमाधारी को नौ हजार रुपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को दस हजार रुपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जाएगा। याने युवाओं को प्रशिक्षण के साथ आमदनी भी होगी। एक वर्ष के प्रशिक्षण के बाद उन्हें शासन स्तर पर प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा, जो स्वयं के रोजगार अथवा नौकरी पाने में महत्वपुर्ण होगा। कलेक्टर ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि जिले के ब्लॉक में ही युवाओं को संबंधित कंपनी, उद्योगों से जोड़ा जाए, जिससे वे क्षेत्र में ही प्रशिक्षण के बाद रोजगार हासिल कर सके।

7 जून से शुरु होंगे पंजीयन

योजना में प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं का पंजीयन सात जून से और युवाओं का पंजीयन 15 जून से शुरू होगा। युवाओं का प्लेसमेंट 15 जुलाई से होगा। राज्य शासन और ट्रेनिंग देने वाली संस्थाओं के मध्य 31 जुलाई को अनुबंध होगा। योजना में युवाओं को एक अगस्त से प्रशिक्षण दिया जाना शुरू हो जाएगा। स्टाईपेंड की 75 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जाएगी। संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी। प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिए स्वतंत्र होंगे।

योजना में चिन्हित प्रतिष्ठानों/ उद्योग का पेन एवं जीएसटी पंजीयन अनिवार्य होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्य.बल के 15 प्रतिशत की संख्या तक प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। जिन प्रतिष्ठानों में कम से कम 20 लोग नियमित रूप से कार्यरत हों, उनके कुल कार्य.बल की गणना ईपीएफ जमा करने के आधार पर की जाएगी। युवाओं को स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जाएगा। योजना में प्रदेश के एक लाख युवाओं को 703 चिह्नित क्षेत्रों में दक्ष करने का प्रारंभिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जा सकेगा। इनमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पतालए रेलवे, आइटी सेक्टर, साफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएं, शिक्षा प्रशिक्षण, सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान आदि को शामिल किया गया है।