नावघाट खेडी के श्री रत्नेश्वर धाम पर पार्थिव शिवलिंग महोत्सव से क्षेत्र का माहौल धर्ममय बना हुआ है।

प्रतिदिन 21 से 25 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण*

बडवाह——सावन मास में रिमझिम फुहारों के बीच शिव भक्तों की भीड़ सुबह से नावघाट खेडी स्थित श्री रत्नेश्वर धाम में उमड़ रही है। यहां पार्थिव शिवलिंग महोत्सव से क्षेत्र का माहौल धर्ममय बना हुआ है। काफी संख्या में महिला-पुरुष, बच्चे परिवार सहित ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करने के लिए पहुंच रहे है।यह एक अद्भुत अनुष्ठान है, जहां भक्तों को ही शिवलिंग बनाना है। पूजन करना है विसर्जन करना है। यह 58 दिनों तक चलने वाला अनुष्ठान है। यह अनुष्ठान पूर्ण निःशुल्क है और इसके आयोजक भगवान रत्नेश्वर महादेव ही है। यह 31 अगस्त तक चलेगा। श्री रत्नेश्वर धाम पर लोक कल्याणकारी के संकल्प के साथ 11 लाख पार्थिव शिवलिंग महोत्सव को लेकर पूजन व अभिषेक अनुष्ठान चल रहा है।आचार्य प्रितेश व्यास के सान्निध्य में सामूहिक पार्थिव शिवलिंग निर्माण महोत्सव में सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंच रहे है। मंदिर परिसर में प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण, -अर्चन पूजन- और विसर्जन वेद मंत्रों के उच्चारण के बीच हो रहा है। यहां 11 लाख पार्थिव शिवलिंग बनाने का लक्ष्य रखा गया है, अभी तक 3 लाख पार्थिव शिवलिंग बन गए हैं।व्यास ने बताया कि लोक कल्याणकारी इस अनुष्ठान में सभी वर्गों को आहूत किया है। नर्मदा जी शिवलिंग नर्मदेश्वर के रूप में बहुत निकाले जाते है देश विदेशों मेंपहुंचाये जाते है, तो नर्मदा जी को शिवलिंग समर्पित भी किये जाना चाहिए।

*प्रतिदिन 21 से 25 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण*

पार्थिव शिवलिंग पूजन अनुष्ठान से जुड़े पंडितों के

अनुसार, सावन में प्रतिदिन मंदिर परिसर मे 21 हजार से 25 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण सूर्योदय से सूर्यास्त तक किया जाता है। प्रतिदिन बनने वाले पार्थिव

शिवलिंग का उसी दिन प्राण-प्रतिष्ठा, पूजन, अभिषेक कर महाआरती की जाती है। इसके बाद उनका विसर्जन किया जाता है।उन्होंने बताया कि सुबह 7 बजे से दोपहर तीन बजे तक शिवलिंग का निर्माण होता है। इसके बाद चार बजे से पूजन-अर्चन शुरू होता है, जो पांच बजे तक चलता है। पांच बजे महाआरती होती है, इसके बाद सभी सामूहिक रूप से टोपली में शिवलिंग रख कर नर्मदा जी में विसर्जन के लिए जाते है।

*सुख-समृद्धि और सौभाग्य की होती है प्राप्ति*

पंडित व्यास ने बताया कि शिवपुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा का अत्यंत महत्व बताया गया है। पार्थिव पूजन से व्यक्ति को सर्वसुख की प्राप्ति होती है तथा भय समाप्त होता है। जो व्यक्ति पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन-अर्चना करता है। वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है। पार्थिव शिवलिंग निर्माण से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।उन्होंने बताया कि शिवपुराण के अनुसार सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में समस्त कष्ट दूर होकर सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने वाले शिवसाधक के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। भगवान शिव के आशीर्वाद से धन-धान्य, सुख-समृद्धि औरसौभाग्य की प्राप्ति होती है।