बड़वाह 30मार्च 2023 समर्थ दादा गुरु के द्वारा 3200 किमी की मां नर्मदा की पदयात्रा का आज रामनवमी पर ओमकारेश्वर में होगा समापन।30 माह से बिना अन्न खाकर कर रहे हैं। सिर्फ नर्मदा के जल पर जीवन व्यापन। समर्थ सद्गुरु दादा मंगलवार को 3200 किमी की मां नर्मदा की पदयात्रा कर सनावद पुनासा मार्ग स्थित हाथिया बाबा धाम परिसर पर रात्रि में सत्संग करते हुए दादा गुरु ने बताया कि। दुनिया के लिए गंगा गोदावरी ताप्ती कावेरी नर्मदा नदी होगी पर हमारे लिए तो साक्षात मां भगवती है। जिनके दर्शन देवताओं को दुर्लभ है। उनके दर्शन भक्तों के लिए कितने हैं सुलभ हैं। मां भगवती रेवा के दर्शन मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है।पर्यावरण को बचाया जा सके। ऐसे ही पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ का संदेश लेकर 30 माह से अखंड उपवास कर रहे है।. जब तक समाज माँ नर्मदा को बचाने के लिए नहीं जगरूक होता तब तक मैं इसी तरह अखंड उपवास पर रहूँगा। मैं बताना चाहता हूँ की नर्मदा का जल इतना अच्छा है की सिर्फ़ उसे पीकर भी हम जीवित रह सकते है।
नर्मदा संरक्षण के लिए चलता रहेगा आभियान
नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए यूँ तो कई अभियान चलाए जा रहे है. कई वर्षों से ये अभियान चल रहे है. नर्मदा मिशन के संस्थापक प्रकृति उपासक समर्थ सद्गुरू दादा गुरू जिन्होंने 30 माह से अन्न का एक कतरा नहीं खाया. सिर्फ़ और सिर्फ़ नर्मदा जल पर ही वो अपना जीवन व्यापन कर रहे थे।इस बात से हर किसी को आश्चर्य होता है की आख़िर कैसे कोई 30 माह से सिर्फ़ नर्मदा जल पर जीवित रह सकता है।