खरगोन कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने खरगोन जिले में संचालित समस्त अशासकीय एवं मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के संचालकों, प्राचार्य एवं प्रधान पाठकों को निर्देशित किया है कि वे बच्चों के पालकों को दुकान विशेष से पाठ्य पुस्तकें, यूनिफार्म, टाई, जूते, कापी एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री क्रय करने के लिए बाध्य न करें और न ही इसके लिए पालकों पर दबाव बनायें। किसी दुकान विशेष से शैक्षणिक सामग्री व ड्रेस खरीदने के लिये बाध्य करना एक अपराधिक षडयंत्र के साथ लूट भी है। जिला प्रशासन ऐसे किसी अपराधिक षडयंत्र या लूट को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
इस संबंध में दिये गये निर्देश में कहा गया है कि नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत पर कतिपय स्कूल प्रबंधन एवं प्राचार्य द्वारा एनसीईआरटी, सीबीएसई या एससीईआरटी मुद्रित व निर्धारित पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तकें एवं शैक्षिक सामग्री अथवा यूनिफार्म खरीदने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पालकों को बाध्य करने की शिकायतें सामने आई हैं। जिसके कारण विद्यार्थियों व पालकों को महंगे दामों में उक्त सामग्री मिल रही है जो उचित नहीं है। म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य सम्बंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 6 (1) (घ) में स्पष्ट उल्लेख है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावक को पुस्तकें, यूनिफार्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
जिले के सभी विकासखंडों के विकासखंड स्त्रोत समन्वयकों को निर्देशित किया गया है कि उनके क्षेत्र के अशासकीय एवं निजी स्कूल से संबंधित इस आशय की शिकायतें प्राप्त होने की स्थिति में म.प्र. निजी विद्यालय नियम 2020 के नियम 9 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करते हुए सम्बंधित विद्यालय के विरुद्ध आवश्यक शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही प्रस्तावित करें।