विकास यात्रा मे ग्रामीणों ने रेत के अवैध उत्खनन की शिकायत
बडवाह—- बडवाह तहसील क्षेत्र में नर्मदा किनारे धडल्ले से रेत का अवैध उत्खनन जारी है|अधिकारियो की नाक के नीचे रेत माफिया दिन-रात खनन कर नर्मदा को छलनी कर रहे है|प्रतिमाह शासन को लाखो रूपये का राजस्व का चुना लगाने वाले रेत माफिया उत्खनन कर अपनी चांदी काट रहे है|जब इस सम्बन्ध में कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि आवाज उठाए तो मजदूरो मजलूम बनाकर शिकायत ज्ञापन,धरना दिलवा देते है|लेकिन विधायक सचिन बिरला की विकास यात्रा में इन उत्खनन कर्ताओ की कलई खुल गई|ग्रामीणों ने रेत के अवैध उत्खनन को लेकर शिकायते भी की|जिसके बाद विधायक ने सख्त लहजे में कहा की केवल शासन द्वारा चिन्हित किए भूखंड पर ही रेत खनन करने दिया जाएगा|यदि अवैध उत्खनन क्षेत्र में किया गया तो उन्हें बख्शा नही जाएगा|ग्रामवासियों ने यह भी कहा कि विकास यात्रा के कारण आज उत्खन बंद है,लेकिन प्रतिदिन धडल्ले से उत्खनन होता है|ग्रामवासियों ने आवेदन के माध्यम से बताया कि नर्मदा नदी के बीच टापू ग्राम कपास्थल,सेमरला और गंगातखेडी के बीच पोकलेन मशीन से अवैध रूप से बालू रेत निकाली जा रही है|लेकिन नर्मदा नदी में पहले से ही बालू रेत निकालने का कार्य 500 मजदूरों के द्वरा किया जाता है,जिसमे मजदूरों को रोजगार मिलता है,लेकिन अब ठेकेदार द्वारा पोकलेन मशीन के द्वारा बालू रेत निकाली जा रही है|जिससे मजदूर बेरोजगार हो रहे है|विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रो में आठवे दिन विकास यात्रा नर्मदा के तटीय क्षेत्र ग्राम कटघडा,रामगढ़,सेमरला, मुरल्ला,कपास्थल,रतनपुर सहित आसपास ग्रामीन क्षेत्रो में पहुंची|जहा अधिकतर जगह ग्रामवासियों ने विधायक सचिन बिरला को अवैध उत्खनन की शिकायते करते हुए रोक लगाने की मांग की|ग्रामवासियों ने विधायक को कहा कि धडल्ले से अवैध तरीके से रेत का खनन किया जा रहा है,नर्मदा किनारे खनन पर रोक है,बावजूद इसके खनन किया जाना उचित नहीं है|शिकायते करने के बाद भी अधिकारी ध्यान नही दे रहे है|खनन होने से यहां प्रशासन को राजस्व की हानि हो रही है|इस दौरान किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष महेश गुर्जर,ग्रामीण मंडल अध्यक्ष लक्ष्मण काग,जनपद अध्यक्ष दिनेश साद, उपाध्यक्ष वीरेंद्र माले, अखिलेश पंवार,सरपंच राजकुमार वर्मा महिला मोर्चा जिला उपाध्यक्ष व पार्षद रजनी भंडारी,ग्रामीण मंडल अध्यक्ष सुरभी वर्मा,महेश सोंतले सरपंच,कमलेश पटल्या सरपंच डोंगरसिंग सहित जनप्रतिनिधि,प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामवासी मोजूद थे|।