नावघाट खेड़ी में पीएम विश्वकर्मा योजना पर जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

केवट समाज के लोगों की दी गई योजना की जानकारी

      खरगोन भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र खरगोन एवं आईटीआई के संयुक्त तत्वावधान में 20 नवंबर को खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के अंतर्गत ग्राम नावघाट खेड़ी में पीएम विश्वकर्मा योजना पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एमएसएमई के सहायक संचालक श्री राजकुमार मोहनानी, श्री निलेश त्रिवेदी एवं जिला उद्योग एवं व्यापार को केंद्र के सहायक संचालक श्री धनंजय शुक्ला उपस्थित थे। इस जागरूकता कार्यक्रम में बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी और आईटीआई खरगोन के प्राचार्य भी उपस्थित थे।

      कार्यक्रम में बताया गया कि केवट समाज के लोग भी पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ ले सकते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना को 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर प्रारंभ किया गया है और योजना के लिए आनलाईन आवेदन योजना की आधिकारिक वेबसाईट pmvishwakarma.gov.in के माध्यम से शुरू हो चुके हैं। यह योजना शुरुआत में 2027-28 तक पांच साल के लिए लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, मापदंड और पहुंच में सुधार करना है। इस योजना के जरिए बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कुम्हार, दर्जी, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले श्रमिकों का आर्थिक सशक्तिकरण किया जाएगा। विश्वकर्मा स्कीम का फायदा देश भर में 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के साथ बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कुम्हार, दर्जी, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले, माला बनाने वाले, चिनाई करने वाले और अन्य भी कई प्रकार के श्रमिकों को होगा।

      इस योजना के तहत, डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और नए अवसरों के लिए मदद करने हेतु ब्रांड प्रचार और बाजार लिंकेज के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा। यह पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को अपने काम को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। कारीगरों को डिजिटल कौशल और उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे ऑनलाइन बाजारों तक पहुंच सकें और अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रचार कर सकें। सरकार कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों के लिए एक राष्ट्रीय ब्रांड बनाने में मदद करेगी। सरकार कारीगरों और शिल्पकारों को खरीददारों और खुदरा विक्रेताओं से जोड़ने में मदद करेगी। यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनने और उनकी आजीविका में सुधार करने में मदद करेगी। कार्यक्रम में केवट समाज के युवाओं से कहा गया कि वे इस योजना का लाभ लेने के लिए आगे आयें और योजना की वेवसाईट में अपना पंजीयन करायें।

sanjay upadhyay

Sanjay Upadhyay

Journalist