स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स बीमारी के प्रभावों से बचाव हेतु अलर्ट जारी किया

  

इन्दौर : बुधवार, अगस्त 21, 2024,

इंदौर जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंकीपॉक्स बीमारी के प्रभावों से जनसामान्य के बचाव एवं जागरूकता हेतु अलर्ट जारी किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 14 अगस्त 2024 को Mpox (मंकीपॉक्स) बीमारी को Public Health Emergency of International Concern (PHEIC) घोषित किया गया है। मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पायी जाती है। यद्यपि इस बीमारी का प्रथम प्रकरण भारत में 14 जुलाई 2022 को केरल में पाया गया था, तत्पश्चात 30 लेबोरेटरी कन्फर्म प्रकरण केरल एवं दिल्ली में पाये गयें, किन्तु 27 मार्च 2024 के पश्चात कोई नवीन प्रकरण नहीं पाया गया।

            मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने बताया कि मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉलपॉक्स जैसे होते है। ऑर्थोपॉक्स वायरस से फैलने वाले स्मॉलपॉक्स संक्रमण 1980 में दुनिया भर में समाप्त घोषित कर दिया गया था। मंकीपॉक्स, स्मॉलपॉक्स की तुलना में कम गंभीर व कम संक्रामक बीमारी है। मंकीपॉक्स का इन्क्यूबेशन पीरियड (Incubation period) आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है लेकिन यह 5-21 दिनों तक हो सकता है और इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है। संक्रमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फैला सकता है। सभी चकत्तों से पपड़ी गिर न जाए रोगी तब तक संक्रामक बना रह सकता है।

            मंकीपॉक्स वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-फटी त्वचा, श्वसन तंत्र या आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, सिर दर्द, चकते, शरीर में कमजोरी और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलताएं हो सकती हैं।

            संक्रमित पशु/वन्य पशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ/घाव के सीधे संपर्क के माध्यम से और घाव के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से भी प्रसारित हो सकता है, जैसे संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों या लिनेन के माध्यम से हो सकता है।

            संभावित संक्रमण की स्थिति में मंकीपॉक्स वायरस परीक्षण के लिए प्रयोगशाला का सेम्पल में घाव के तरल पदार्थ, खून व स्पुटम शामिल हैं, जिन्हें जाँच हेतु NIV Pune भेजा जायेगा। संभावित संक्रमण की स्थिति में उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा आइसोलेशन समाप्त करने पर डिस्चार्ज का निर्णय लिया जाएगा। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित (self-limited) संक्रमण है जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते है। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10% प्रतिशत है।