साइबर सुरक्षा अभियान में डॉ. वरूण कपूर ने कहा- दिखने वाले खतरे से अदृश्य खतरा ज्यादा घातक

    मण्डलेश्वर  डॉ. वरूण कपूर आईपीएस स्पेशल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस रुस्तम जी आर्म्ड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज इंदौर ने 12 नवंबर को सांदीपनी एकेडमी मण्डलेश्वर में खरगोन, धार, बड़वानी, खण्डवा आदि जिले के लगभग 30 से अधिक सीबीएसई विद्यालयों के 1300 छात्र व 124 शिक्षकों को ब्लैक रिबन इनीशिएटिव अभियान के तहत साइबर सुरक्षा एवं जागरूकता के बारे में जानकारी दी। विद्यालय के एन.सी.सी. कैडेट्स द्वारा डॉ. वरूण कपूर को गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। डॉ. कपूर का स्वागत विद्यालय के चेयरमेन राजेश्वर पाटीदार, सारिका पाटीदार, डायरेक्टर अमित पाटीदार, जयश्री पाटीदार, प्राचार्य कमलेश. सी. जोशी, मैनेजिंग डॉयरेक्टर गोपाल पाटीदार ने गुल-दस्ता देकर किया। 

       कार्यशाला को संबोधित करते हुये डॉं. कपूर द्वारा बताया कि दिखने वाले खतरे से अज्ञात या छुपा हुआ खतरा ज्यादा घातक है। फिशिंग, बुलिंग, स्टॉकिंग, गेमिंग इत्यादि सायबर अपराध की घटनायें बढ़ रही हैं। इसे आपको समझना होगा व सतर्क एवं जागरूक रहना होगा तभी आप सायबर अपराध का शिकार होने से बच सकते हैं। सायबर सुरक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौती है। सायबर अपराधी दिन-प्रतिदिन नये-नये तरीकों से सायबर अपराधों का अंजाम दे रहे हैं। अपने डाटा को सुरक्षित रखने के लिये दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी ऑनलाईन/सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी निजी जानकारी जन्मतिथि, मोबाईल नम्बर, पता इत्यादि साझा न करें। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट न करें। अनजान ई-मेल/पोस्ट का जवाब न देवें। अपने खाते का पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें। अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत रखें। अपरिचित व्यक्ति जिसे आप नहीं जानते उन्हें ब्लॉक करें। अलग-अलग अकाउण्ट के लिये अलग-अलग एवं मजबूत पासवर्ड बनायें। झांसे या प्रलोभन में न आवें। बैंक में पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर भेजी गई लिंक/ओटीपी को किसी दूसरे नम्बर पर फारवर्ड करने के लिये कहने पर फारवर्ड न करें। अनजान लिंक को ओपन न करें। अनजान फोन/वीडियो कॉल व अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। आप किसी सोशल मीडिया पोस्ट, मेल, चौटिंग से असहज हो तो तुरंत अपने माता-पिता को अथवा विश्वसनीय व्यक्ति को बतावें और पुलिस में शिकायत करें। युवा ऑन-लाईन गेमिंग में ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसके कारण गेमिंग डिसआर्डर का शिकार हो रहे हैं। इसका फायदा उठाकर अदृश्य अपराधी ऑनलाइन गेम में चेटिंग कर युवाओं को शिकार बनाते है। गेमिंग डिसआर्डर के चलते बच्चे ऑनलाईन गेमिंग में पैसा लगा देते हैं, कर्ज ले लेते हैं और इन सबसे परेशान होकर कई लोग/बच्चे आत्महत्या तक कर लेते हैं। माता-पिता भी सोशल मीडिया के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं होते है।

       विद्यार्थियों के प्रश्नों का समाधान डॉं. कपूर द्वारा सहजता से किया गया। विद्यालय के एन.सी.सी. कैडेट्स एवं म्यूजिक ग्रुप द्वारा शानदार गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंत में डॉ कपूर को चेयरमेन राजेश्वर पाटीदार एवं मैनेजिंग डॉयरेक्टर गोपाल पाटीदार ने सर्टिफिकेट एवं मोमेन्टो भेट किया।

सेमिनार के सफल संचालन में सांदीपनी एकेडमी के प्राचार्य कमलेश जोशी एवं निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के उप-प्राचार्य संजय वर्मा द्वारा किया गया।