कलेक्टर ने की महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा

    खरगोन कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा द्वारा 31 जुलाई को महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों की बैठक लेकर महिला एवं बच्चों के पोषण एवं विकास से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती भारती आवास्या, सहायक संचालक सुश्री मोनिका बघेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएस सिसोदिया भी उपस्थित थे।

      बैठक में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा की गई। इस दौरान बताया गया कि वर्ष 2023-24 में इस योजना के अंतर्गत 17 हजार 341 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था। कलेक्टर श्री शर्मा ने इस योजना के लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना पोर्टल पर इसकी इंट्री भी होना चाहिए। पोर्टल पर इंट्री का कार्य 07 दिनों के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इस योजना में पात्र महिलाओं को चिन्हित करने के लिए गांव में विवाह होकर आयी नई बहुओं के आधार नंबर, समग्र आईडी एवं अन्य जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता को अपने पास रखना चाहिए। आशा कार्यकर्ता और आंगनवा़ड़ी कार्यकर्ता के डाटा में किसी भी तरह का अंतर नहीं होना चाहिए। इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करने के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए। जिले के आकांक्षी ब्लॉक भगवानपुरा एवं  झिरन्या में इस योजना के अंतर्गत सभी पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए।

      बैठक में लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि चालू वर्ष में जिले को 8799 बालिकाओं को इस योजना में लाभान्वित करने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक 2012 प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके हैं। इस योजना में कोई भी पात्र बालिका लाभ से वंचित न रहे इसके लिए आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक को ग्राम पंचायत के सचिव से समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए।

      बैठक में बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र की स्थिति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में 110 बेड उपलब्ध हैं। कलेक्टर श्री शर्मा ने सख्त निर्देश दिए कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों के बेड खाली नहीं रहना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी है कि कुपोषित बच्चें को इस केन्द्र में भर्ती कराएं। इस दौरान सनावद अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र की मरम्मत किये जाने के निर्देश दिए गए। बच्चों एवं गर्भवती व धात्री माताओं को दिये जाने वाले पोषण आहार की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया गया कि आंकनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रेकर एप्प पर इसकी इंट्री अनिवार्य रूप से करना है। जो कार्यकर्ता पोषण ट्रेकर एप्प पर इंट्री नहीं करेगी उसके विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में 06 माह से 0.3 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती व धात्री माताओं को टीएचआर का नियमित रूप से वितरण करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार 03 से 06 वर्ष तक के आयु के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र पर एचसीएम (तत्काल पका हुआ भोजन) प्रदाय किया जाए। सभी आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के कुपोषण की श्रेणी एसएएम और एमएएम के बच्चों का पूरा रिकार्ड अपने पास रखें और उनके पोषण स्तर पर निगरानी रखें।