नाम सुनकर गृह दशा बताने वाली इन्दीरा बाई कृष्णराव गीते नही रही

बड़वाह खण्डवा जिले की  94 वर्षीय वयोवृद्ध महिला जिन्हे कम सुनाई देता था उसके बावजूद यदि उनके कान में कोई अपना नाम बता दे तो वे उस व्यक्ति को गृह दशा तथा उसका भविष्य बता देती थी।इन्दीरा बाई कृष्णराव गीते खण्डवा जिले के ग्राम लोहारी कुछ दिनों से बीमार थी 25 अगस्त 2024 को 94 वर्ष की आयु में वेकुन्ठ वास हो गया।

उन्होने ज्योतिष ज्ञान कहां से लिया इस संबंध   दामाद उमाशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि ज्योतिष विद्या का गुण उन्हें स्वतः ही प्राप्त था उनकी क्षमता ने उन्हे समाज मे चर्चित बना दिया वन रोपणी खरगोन एवं खण्डवा जिले में उत्कर्ष कार्यों के लिये उन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी द्वारा विज्ञान भवन दिल्ली, एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने भोपाल में सम्मानित किया । नार्मदीय समाज अलंकरण से उन्हें समाज ने सम्मानित किया।  उन्होने प्रोढ़ शिक्षा केन्द्रों पर निरक्षर महिलाओं को साक्षार बनाया वे बहुत कम पढ़ी-लिखी थी पिछले कुछ दिनों से शारीरिक दृष्टि से कमजोर हो चुकी थी । लेकिन उनका मनोबल तथा आत्मविश्वास अंत समय तक उन्नत था। अभिषेक चतुर्वेदी की नानी थी उनके दो पुत्र अरिवन्द गीते स्वः विरेन्द्र गीत एवं चार पुत्रिया आशा, उषाा, चन्द्रकला एवं स्वः प्रेमलता है। उनकी शव यात्रा में ग्रामीण महिला पुरूष रात भर भजन किर्तन करते रहे। शव यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाऐं भजन गाते फूलों की वर्षा कर रहे थे। उनका अंतिम संस्कार नर्मदा के उत्तर तट नावघाट खेडी मुक्तिधाम  पर किया। बड़े बेटे अरविन्द गीत ने मुखारग्नि दी गण मान्य जन समाज जन ग्रामीण जन, रिश्तेदारों ने भारी संख्या श्रद्धांजली दी।